उत्तराखंड में रोज़गार के मौक़े बढ़ाने के लिए और पलायन की पीड़ा से पहाड़ को निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार ने संशोधित एकीकृत औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के ज़रिए नया रास्ता तलाश है! इस नीति के तहत अब नैनीताल के Haldhuani और रामनगर के साथ ही देहरादून के ६५० मीटर से ज़्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में Manufacturing और Pharmaceutical उद्योग लगाए जा सकेंगे! इसके अलावा जो इकाईयां पहले से मौजूद हैं उन्हें भी २५ फ़ीसदी पूंजी निवेश या २५ फ़ीसदी उत्पादन बढ़ाने पर मिलने वाली नीति के तहत सभी फ़ायदे मिलेंगे! इतना ही नहीं मार्च २०१५ तक लगाई जा चुकी यूनिटों को भी इस नीति के से दस सालों तक लाभ मिल सकेगा! उद्योगपति इस नीति को पहाड़ के लिहाज़ से बेहद फायदेमंद मान रहे हैं!
पुरानी नीति में पहाड़ में उद्योगों के नाम पर ज़्यादातर होटल ही स्थापित हो पाए थे! राज्य सरकार ने २००८ की नीति को ज़्यादा फायदेमंद न पाते हुए इसमें संशोधन कर बेरोज़गारी और पलायन जैसी दिक्कतों को दूर करने की कोशिश की है! पर्वतीय इलाकों में उद्योग फलफूल सकें और यहाँ के नौजवानों को रोज़गार हासिल हो और पहाड़ में तरक्की की राह आसान हो- इन सभी बातों को ध्यान में रखकर नई औद्योगिक प्रोत्साहन नीति को लाया गया है! इस नीति में पहाड़ में कोई भी उद्योग लगाने के लिए पूंजी निवेश में छूट के साथ और कई दूसरी सहूलियतों का प्रावधान है! इसके अलावा वैट, बिजली और ज़मीन में भी कई तरह की छूट मिलेगी!
संशोधित नीति को तैयार करने के लिए कई उद्योग संगठनों, सीआईआई, इंडस्ट्री संघ , पीएचडी और केजीसीसीआई से भी सलाह मशवरा लेकर उनके सुझावों को भी इसमें शामिल किया गया है! सरकार की इस अनूठी पहल की हर तरफ तारीफ़ हो रही है! उद्योगपति इस नीति को पहाड़ के लिहाज़ से बेहद फायदेमंद मान रहे हैं!
No comments:
Post a Comment
प्यारे पाठकों! टिप्पड़ी के माध्यम से खुलकर अपनी बात रखें!